p block
आवर्त सारणी में वर्ग 13 से 18 तक के तत्वों को p-ब्लॉक के तत्व कहते हैं। इस ब्लॉक के तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns 2 np1-6 होता है। हीलियम भी p-ब्लॉक का तत्व है लेकिन इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns 2 है। जिन तत्वों में अंतिम इलेक्ट्रॉन p-उपकोश में प्रवेश करता है। उन सभी तत्वों को p-ब्लॉक के तत्व कहते हैं।
आवर्त सारणी के इन तत्वों के लक्षण निम्नलिखित है।
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ( Electronic configuration )
इन तत्वों में बाह्य कोश के s – उपकोश में 2 और p – उपकोष में 1 से 6 तक इलेक्ट्रान होते है जैसे –
| B = 2,3 | 1s2, 2s2, 2p1 |
| C = 2,4 | 1s2, 2s2, 2p2 |
| N =2,5 | 1s2, 2s2, 2p3 |
| O = 2,6 | 1s2, 2s2, 2p4 |
| F = 2,7 | 1s2, 2s2, 2p5 |
| Ne = 2,8 | 1s2, 2s2, 2p6 |
oxidation states and valency ( ऑक्सीकरण अवस्था और संयोजकता)
Electron gain enthalpy (इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी)
इन तत्वों की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी उच्च होती हैं (शून्य वर्ग के तत्वों की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी शून्य होती है)।
Electronegativity ऋण-विद्युतता
इन तत्वों की ऋण-विद्युतता अपेक्षाकृत उच्च कोटि की होती है (शून्य वर्ग के तत्वों को छोड़कर)। p black में ऊपर से नीचे जाने पर Electronegativity घटती जाती और आवर्त सारणी में बाए से दाएं जाने पर बढ़ती है। अतः electronegativity समानुपाती होता है परमाणु के आकार का ।
Reactivity क्रियाशीलता
हैलोजेनों, ऑक्सीजन, सल्फर तथा फॉस्फोरस को छोड़कर ‘ अन्य p-ब्लॉक तत्वों की क्रियाशीलता कम होती है।
Atomic radius (परमाणु त्रिज्या)
इन तत्वों की परमाणु त्रिज्या अपेक्षाकृत कम होती है। जीरो वर्ग के तत्वों की परमाणु त्रिज्या प्रायः अधिक होती है)। आवर्त सारणी में ऊपर से नीचे और बाएं से दाएं जाने पर त्रिज्या बढ़ती है क्योंकि कक्षको की संख्या बढ़ती है ।

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